Pope Francis, जिनका असली नाम Jorge Mario Bergoglio है, 17 दिसंबर 1936 को अर्जेंटीना के ब्यूनस आयर्स में जन्मे थे। वह रोमन कैथोलिक चर्च के 266वें पोप हैं और 13 मार्च 2013 को चुने गए थे। वह अमेरिकी महाद्वीप से चुने जाने वाले पहले पोप हैं और पहले जेसुइट पोप भी हैं। उनके चयन के बाद से, उन्होंने चर्च में बदलाव और समाज के गरीब व वंचित लोगों के लिए अद्वितीय समर्पण दिखाया है। इस ब्लॉग में, हम उनके जीवन और उनके कार्यों पर विस्तार से चर्चा करेंगे, जिसमें हमारा मुख्य कीवर्ड “Pope Francis” रहेगा।
Pope Francis प्रारंभिक जीवन और शिक्षा
Pope Francis का जन्म एक साधारण परिवार में हुआ था। उनके माता-पिता इटली से अर्जेंटीना आकर बसे थे। उनके पिता एक रेलवे अकाउंटेंट थे और उनकी मां गृहिणी थीं। बचपन में, Jorge Mario Bergoglio ने केमिकल टेक्नीशियन बनने का प्रशिक्षण लिया था, लेकिन जल्द ही उन्हें ईश्वर की ओर से पुकार महसूस हुई और उन्होंने पुजारी बनने का फैसला किया।
1958 में उन्होंने Society of Jesus (Jesuits) में प्रवेश किया और 13 दिसंबर 1969 को उन्हें पुजारी के रूप में अभिषिक्त किया गया। इसके बाद उन्होंने ब्यूनस आयर्स विश्वविद्यालय से दर्शनशास्त्र और धर्मशास्त्र में डिग्री प्राप्त की और आगे की पढ़ाई जर्मनी में की। उनकी शिक्षा और प्रशिक्षण ने उनके नेतृत्व कौशल को और मजबूत किया, जिसने उन्हें चर्च में ऊंचे पदों तक पहुंचाया।
पोप बनने से पहले का जीवन
पोप बनने से पहले, Bergoglio ने जेसुइट आदेश में कई महत्वपूर्ण भूमिकाएं निभाईं, जिसमें प्रांतीय अधीक्षक और सेमिनरी रेक्टर के पद शामिल थे। 1998 में उन्हें ब्यूनस आयर्स का आर्कबिशप नियुक्त किया गया, और 2001 में उन्हें कार्डिनल बनाया गया।
Pope Francis की सादगी के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने सार्वजनिक परिवहन का उपयोग किया और उन्होंने आर्कबिशप के निवास की बजाय एक साधारण अपार्टमेंट में रहना पसंद किया। वह हमेशा गरीबों और वंचितों के साथ खड़े रहते थे और उनकी सहायता के लिए चर्च के संसाधनों का उपयोग करने पर जोर देते थे। यह दृष्टिकोण उनके पोप बनने के बाद भी जारी रहा।
पोप फ्रांसिस के पापल कार्यकाल की प्रमुख विशेषताएँ
Pope Francis के पोप बनने के बाद से उनके कार्यकाल में कई महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं, जिसमें सामाजिक न्याय, पर्यावरण संरक्षण और अंतरधार्मिक संवाद पर जोर दिया गया है।
सामाजिक न्याय और गरीबों के प्रति समर्पण
Pope Francis ने हमेशा गरीबों और वंचितों के अधिकारों के लिए आवाज उठाई है। उनका मानना है कि चर्च का प्रमुख कार्य उन लोगों की सहायता करना है जिन्हें समाज में सबसे कम अवसर मिलते हैं। उन्होंने कैथोलिक चर्च को और अधिक समावेशी बनाने पर जोर दिया है, जिसमें LGBTQ+ समुदाय के लोगों के प्रति सहानुभूति और समझ शामिल है।
उनकी प्रसिद्ध कहावत “Who am I to judge?” ने LGBTQ+ समुदाय के बारे में चर्च की धारणा में बदलाव का संकेत दिया है। उनके ये शब्द आज भी चर्च और समाज में बड़े बदलाव की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माने जाते हैं।
पर्यावरण के प्रति जागरूकता
2015 में Pope Francis ने Laudato si’ नामक एक महत्वपूर्ण एनसाइक्लिकल जारी किया, जिसमें उन्होंने पर्यावरण संरक्षण और जलवायु परिवर्तन की समस्या को मानवता के लिए एक नैतिक मुद्दा बताया। उन्होंने इसे “हमारा सामान्य घर” कहा, जिसमें सभी मानवों की जिम्मेदारी है कि वे इसे बचाने के लिए मिलकर काम करें। यह दस्तावेज़ उनकी पर्यावरण के प्रति जागरूकता और इसके समाधान के लिए उनके समर्पण को दर्शाता है।
अंतरधार्मिक संवाद और शांति
Pope Francis ने विभिन्न धर्मों के बीच संवाद को बढ़ावा देने का काम भी किया है। 2019 में उन्होंने अरब प्रायद्वीप का दौरा किया और अल-अजहर के ग्रैंड इमाम के साथ मिलकर मानव बंधुत्व पर एक संयुक्त घोषणा पत्र पर हस्ताक्षर किए। यह यात्रा इस्लाम और कैथोलिक चर्च के बीच संबंधों को और मजबूत बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम थी।
महत्वपूर्ण घटनाएँ
Pope Francis का कार्यकाल कई महत्वपूर्ण घटनाओं से भरा रहा है। 2015 में, वह अमेरिकी कांग्रेस के संयुक्त सत्र को संबोधित करने वाले पहले पोप बने, जो एक ऐतिहासिक क्षण था। इसके अलावा, उन्होंने यौन उत्पीड़न के मुद्दों पर चर्च की स्थिति को सुधारने के लिए कदम उठाए। 2019 में इस मुद्दे पर वेटिकन में एक शिखर सम्मेलन आयोजित किया गया था और नए नियम लागू किए गए थे ताकि बिशपों के खिलाफ आरोपों को गंभीरता से लिया जा सके।
उन्होंने चर्च के विभिन्न हिस्सों में सुधार लाने के लिए कई सिनोड्स का आयोजन किया है, जिसमें अमेज़न क्षेत्र और युवा लोगों पर केंद्रित सिनोड्स प्रमुख हैं। इसके अलावा, उन्होंने Amoris laetitia नामक एक महत्वपूर्ण प्रेरणादायक पत्र प्रकाशित किया, जिसमें परिवार जीवन और तलाकशुदा और पुनर्विवाहित लोगों के लिए धर्मगुरु सेवा पर विचार किया गया है।
व्यक्तिगत रुचियाँ और जीवनशैली
Pope Francis की व्यक्तिगत रुचियों में साहित्य, विशेष रूप से Jorge Luis Borges और Fyodor Dostoevsky के कार्य शामिल हैं। इसके अलावा, वह फुटबॉल के भी बड़े प्रशंसक हैं और अर्जेंटीना के क्लब San Lorenzo de Almagro का समर्थन करते हैं।
उनका जीवन सादगी और सेवा के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। उन्होंने अपने पोपल आवास के बजाय वेटिकन के एक साधारण आवास में रहना चुना है और हमेशा व्यक्तिगत संबंधों को औपचारिकताओं पर प्राथमिकता दी है।
Pope Francis की संपत्ति
हालांकि Pope Francis का व्यक्तिगत जीवन सादगी का प्रतीक है, फिर भी उनकी संपत्ति और चर्च की स्थिति पर चर्चा होती रही है। Pope Francis की कुल संपत्ति का अनुमान लगभग 16 मिलियन डॉलर है। यह राशि उनके व्यक्तिगत संपत्ति के रूप में नहीं है, बल्कि उनकी स्थिति के साथ जुड़ी संपत्तियों और संसाधनों से संबंधित है।
Pope Francis ने अपनी पद का वेतन लेने से इंकार कर दिया है, जो लगभग $32,000 प्रति वर्ष होता है, और इसे दान या चैरिटी में देने का निर्णय लिया है। इसके बावजूद, वेटिकन की संस्थागत संपत्ति बिलियन डॉलर में आंकी जाती है, लेकिन Pope Francis हमेशा से इसे गरीबों और जरूरतमंदों की सेवा में लगाने पर जोर देते आए हैं।
FAQs
1. Pope Francis का असली नाम क्या है?
Pope Francis का असली नाम Jorge Mario Bergoglio है।
2. Pope Francis का जन्म कब और कहां हुआ था?
Pope Francis का जन्म 17 दिसंबर 1936 को ब्यूनस आयर्स, अर्जेंटीना में हुआ था।
3. Pope Francis ने पापल सिंहासन कब संभाला?
Pope Francis 13 मार्च 2013 को पोप चुने गए थे।
4. Pope Francis की प्रमुख विशेषताएँ क्या हैं?
Pope Francis की प्रमुख विशेषताएँ सादगी, सामाजिक न्याय के प्रति समर्पण, पर्यावरण संरक्षण और अंतरधार्मिक संवाद पर जोर देना हैं।
5. क्या Pope Francis शादीशुदा हैं?
नहीं, Pope Francis ने पुजारी बनने के बाद शादी नहीं की। कैथोलिक चर्च के पुजारियों की तरह, उन्होंने भी अविवाहित रहने का संकल्प लिया है।
Pope Francis का जीवन और कार्य हमें सादगी, सेवा और सामाजिक न्याय की प्रेरणा देते हैं। उन्होंने कैथोलिक चर्च को आधुनिक दुनिया में एक नया मार्ग दिखाया है, जो दया, समावेशिता और पर्यावरण के प्रति जागरूकता पर आधारित है।
आशा है कि इस ब्लॉग ने “Pope Francis Life” को समझने में आपकी मदद की होगी।